अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, इस दिन से शुरू होगी यात्रा

Apr 15, 2024 - 16:14
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अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, इस दिन से शुरू होगी यात्रा

नई दिल्ली। बाबा बर्फानी के दर्शन करने की कामना रखने वाले श्रद्धालु आज से पंजीकरण करा सकते हैं। सुबह सात बजे से पंजीकरण कराने के लिए वेबसाइट खुल गई है। सरकारी आदेश के मुताबिक 13 से 70 साल की उम्र तक के भारतीय नागरिक अमरनाथ यात्रा कर सकते हैं। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा। इस साल अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हो रही है, जो 19 अगस्त तक चलेगी।

ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
15 अप्रैल से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं। मोबाइल एप्लिकेशन से भी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं, उसके लिए श्री अमरनाथजी यात्रा ऐप डाउनलोड करनी होगी। वहीं, पंजाब नेशनल बैंक, एसबीआई, यस बैंक और जम्मू और कश्मीर बैंक से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। छह सप्ताह से अधिक गर्भवती महिला को भी यात्रा के लिए पंजीकृत नहीं किया जाएगा। यात्रा पंजीकरण के लिए स्वास्थ्य प्रमाणपत्र जरूरी है।

दो मार्गों से होती है यात्रा
9 जून से शुरू हो रही यात्रा रक्षा बंधन वाले दिन 19 अगस्त को संपन्न होगी। इस बार यात्रा 52 दिन की रहेगी। यात्रा का आयोजन जम्मू-कश्मीर सरकार और श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के संयुक्त सहयोग से किया जाता है। अमरनाथ यात्रा दो मार्गों से होती है। अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर छोटा और संकरा बालटाल मार्ग।

पहलगाम रूट- 
इस रूट से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन लगते हैं, यात्रा में खड़ी चढ़ाई नहीं है। इसलिए ये रास्ता आसान है। पहलगाम से पहला पड़ाव बेस कैंप से 16 किमी दूर चंदनवाड़ी है। यहां से चढ़ाई शुरू होती है और तीन किमी ई के बाद यात्रा पिस्सू टॉप पहुंचती है। यहां से पैदल चलते हुए करीब 9 किमी का सफर तय कर यात्रा शाम तक शेषनाग पहुंचती है। अगले दिन शेषनाग से यात्री करीब 14 किमी  का सफर तय कर पंचतरणी जाते हैं। पंचतरणी से गुफा सिर्फ 6 किमी रह जाती है।

बालटाल रूट- 
वक्त कम होने पर बाबा अमरनाथ दर्शन के लिए बालटाल रूट से जाया जा सकता है। इसमें सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है। लेकिन इस रूट पर संकरे रास्ते और खतरनाक मोड़ हैं। इसके अलावा एकदम खड़ी चढ़ाई है, इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर दिक्कत होती है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
अमरनाथ यात्रा के दौरान कड़ी सुरक्षा रहती है। इस बार भी अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की अभी से ही तैयारी शुरू हो गई है। बता दें कि अमरनाथ यात्रा के दौरान इलाके में खराब मौसम की स्थिति तथा प्राकृतिक आपदाओं की तैयारी के लिए पूरे अमरनाथ यात्रा मार्ग पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। इसके अलावा, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के जवान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रशिक्षण ले रहे हैं।

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