
रायपुर: राज्यपाल श्री रमेन डेका रविवार को रायपुर में आयोजित दो दिवसीय सहकार राष्ट्रीय बुनकर अधिवेशन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में रिसर्च और डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बुनकरों से आव्हान किया कि वे समयानुसार उत्पादों में नवीन तकनीकों को अपनाएं। मांग के अनुसार उत्पादों के डिजाइन में बदलाव लाएं।
राज्यपाल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में घोषित किया है। इसका उद्देश्य केवल सहकारिता को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से एक समृद्ध, न्यायपूर्ण और आत्मनिर्भर विश्व की नींव रखना है। यही भावना हमें प्रेरित करती है कि हम ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ें और इस अभियान को हर घर, हर व्यक्ति तक पहुँचाएँ।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने सहकारिता के क्षेत्र में कई नवाचार कर देश को एक नया दृष्टिकोण दिया है। पैक्स समितियों को बहुउद्देशीय बनाने का कार्य इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य में अब तक 2058 पैक्स समितियों को एम-पैक्स में परिवर्तित किया गया है और इनमें कॉमन सर्विस सेंटर जैसी सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही 532 नई बहुउद्देशीय पैक्स समितियों के गठन की प्रक्रिया जारी है। मत्स्य, दुग्ध और लघु वनोपज क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जो सहकारिता के विस्तार की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राज्यपाल ने कहा कि हाथकरघा और बुनकरी का कार्य हमारे देश की सांस्कृतिक पहचान और स्वदेशी गौरव का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सहकारिता के साथ मार्केटिंग के लिए नवीन माध्यमों और तकनीकों को जोडे़, इससे आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कई उदाहरण देकर बताया कि समय पर नवीन तकनीकों को नहीं अपनाने और डिजाइन में बदलाव नहीं करने पर कई कंपनियों और वस्तुओं को मार्केेट से बाहर होना पड़ है। उन्होंने कहा कि बुनकरों को अपने उत्पाद की लोकप्रियता और ब्रिकी के लिए ई-कॉमर्स और डिजिटल प्लेट फॉर्म की तरफ बढ़ना चाहिए। इस अवसर पर सहकार भारती से जुड़े पदाधिकारी उपस्थित थे।