महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन रहा इंदौर का महिला मैकेनिक गैरेज

Aug 31, 2024 - 16:58
 0  20
महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन रहा इंदौर का महिला मैकेनिक गैरेज

गैरेज में दुपहिया वाहन रिसीविंग से लेकर सुधारने, सर्विसिंग का हर काम महिलाओं के जिम्मे
महिलाएं आत्मनिर्भरता के साथ आर्थिक सशक्तिकरण की लिख रही इबारत

इंदौर। महिला मैकेनिक गैरेज, नाम सुनकर अलग सा अहसास होता है लेकिन संभवतः प्रदेश का यह पहला महिला मैकेनिक गैरेज है जो कि इंदौर में है। इस गैरेज के माध्यम से करीब 100 से अधिक महिलाएं, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रही है। स्वच्छता में नंबर वन रहने वाला इंदौर महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक नई पहचान बनकर उभर रहा है। इस महिला गैरेज में सारा काम महिलाएं ही करती है। यह पहल महिलाओं में एक अलग आत्मविश्वास के साथ बढ़ते भारत में महिला सशक्तिकरण की नींव को और मजबूत करने का कार्य कर रही है। यहां काम करने वाली महिलाएं आत्मविश्वास के साथ अपने काम को पूरी शिद्दत से करते हुए गर्व की अनुभूति करती है। ये महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नए भारत को गढ रही है। आत्मविश्वास से लबरेज उनके उत्साह में जरा भी कमी नजर नहीं आती। घर के कामकाज को निपटाकर यहां काम करने आने वाली महिलाएं समय से अपने दायित्व को बेहतर तरीके से पूरा करती है।

यहां काम करने वाली महिला मैकेनिक सुश्री शिवानी रघुवंशी, श्रीमती दुर्गा मीणा एवं श्रीमती मेघा खराटे ने बताया काम के शुरुआत में थोड़ी परेशानी आई लेकिन किसी के भाई, किसी के पिता, किसी के जीवन साथी ने उत्साह को कम नहीं होने दिया और लगातार प्रोत्साहित किया। परिवारजनों से मिला आत्मीय सहयोग और वैचारिक बल काम आया और आज यह महिलाएं एक नए भविष्य को साकार करने में पूरी तन्मयता से लगी हुई है। उन्होंने बताया जब नए थे तो काम में थोड़ी झिझक होती थी लेकिन हौसले और आत्मविश्वास से आज इस गैरेज के संचालन से हमें एक नई पहचान मिल रही है। हमें आगे बढ़ने के साथ-साथ आर्थिक रूप से सशक्त होने का अवसर मिला है। यहां काम करने वाली महिला मैकेनिकों को 9 से 15 हजार रूपये तक की सैलरी मिलती है। इस काम ने इन महिलाओं को एक अलग पहचान दिलाई है। आसपास के क्षेत्र में दुपहिया वाहन का परिचालन करने वाली महिलाएं इसी गैरेज पर अपने वाहनों का सुधार कार्य करवाती है।

इस संस्था के डायरेक्टर श्री राजेन्द्र बंधु बताते है कि समान सोसायटी (समानता और बदलाव की पहल) द्वारा महिला गैरेज यांत्रिकी की स्थापना जनवरी 2022 में की गई। संस्था के माध्यम से पिपल्याहाना, हवा बंगला और पालदा में महिला गैरेज संचालित किये जा रहे है, जिसके माध्यम से 20 से 25 महिलाएं नियमित रूप से कार्य कर रही है तथा संस्था की ओर से करीब यहां काम सीखने के बाद 100 से अधिक महिलाओं को प्रतिष्ठित दो पहिया वाहन कंपनियों के सर्विस सेन्टरों में प्लेसमेंट कराया गया। फर्म और सोसायटी एक्ट के तहत पंजीबद्ध संस्था के माध्यम से इस महिला गैरेज की स्थापना की गई है। संस्था के माध्यम से सेफ सिटी और आईसीडीएस विभाग से समन्वय करते हुए महिला जन जागरूकता और सशक्तिकरण के प्रयासों में सहयोग किया जाता है। उन्होंने बताया हमारी सोच है कि महिलाएं स्वयं कंपनी का संचालन करते हुए अन्य वाहन कंपनियों की डीलरशिप लेकर काम करें। महिला मैकेनिक गैरेज के माध्यम से समाज में यह संदेश देने का प्रयास है कि जेंडर के आधार पर काम का बंटवारा नहीं किया जा सकता है। महिलाएं पुरूषों के समान हर काम कर सकती है। बस आवश्यकता है उन्हें मार्गदर्शन और अवसर देने की। आज महिलाएं मैकेनिक है कल पूरी कंपनी का संचालन करेंगी। वे पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ेंगी तथा रोजगार के साथ-साथ आर्थिक रूप से सशक्त होंगी।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow