संसद का शीतकालीन सत्र: पीएम मोदी बोले, राज्यसभा ने इतिहास बनाया भी और बनते हुए देखा भी

नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। सत्र के शुरुआत में दोनों सदनों में दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई। विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। एनडीए की सहयोगी रही शिवसेना ने सरकार को किसानों के मुद्दे पर घेरा है। वहीं, कांग्रेस ने भी सरकार पर हमले किए हैं।
पीएम मोदी ने राज्यसभा के 250वें सत्र के मौके पर सदस्यों को संबोधित किया। मोदी ने कहा- चर्चा चल रही थी कि सदन एक हो या दो हो। लेकिन, संविधान निर्माताओं ने जो व्यवस्था दी है..वह बेहद उपयुक्त है। निचला सदन जमीन से जुड़ा हुआ है, तो ऊंचा सदन दूर तक देख सकता है। निचले सदन में भारत की जमीनी स्थिति का प्रतिबिम्ब होता है, तो यहां पर दूरदृष्टि का पता चलता है। इस सदन ने कई ऐतिहासिक पल देखे। इतिहास बनाया भी और इतिहास बनते हुए देखा। जरूरत पड़ने पर इतिहास को मोड़ने का भी काम किया।
पीएम मोदी ने 250वें सत्र पर संबोधित करते हुए राज्यसभा में कहा कि हमें एनसीपी और बीजेडी से सीखना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि दोनों सदनों के सांसद कभी वेल में नहीं आए। उसके बावजूद उन्होंने अपनी बातें बड़ी ही प्रभावशाली तरीके से रखी। उन्होंने कहा कि वेल में नहीं आकर भी दोनों ने दिल जीत लिया।
पीएम मोदी ने कहा, राज्यसभा सेकेंड हाउस सेकेंड्री नहीं। सेकेंड हाउस को सेकेंड्री बनाने की कोशिश न करें। हम सहभागी बनकर देश को आगे ले जाने का काम करते हैं। राज्यसभा को सपोर्टिव हाउस बना रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्र हित को केन्द्रित रखना ही होगा। पीएम मोदी ने कहा कि बिना राज्य के विकास के देश विकास नहीं कर सकता है।
संसद का शीतकालीन सत्र 13 दिसंबर तक चलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सर्वदलीय बैठक में कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। लंबित मुद्दों के सकारात्मक ढंग से समाधान और प्रदूषण, अर्थव्यवस्था व किसानों से जुड़े मसलों पर सभी दलों के साथ मिलकर काम करेंगे।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद प्रधानमंत्री के इस आश्वासन से सहमत नहीं दिखे। उन्होंने कहा कि सदन में बात जब बेरोजगारी, आर्थिक मंदी और किसानों की स्थिति की होती है तो तब सरकार अलग रुख अपनाती है। उन्होंने कहा कि विपक्ष आर्थिक सुस्ती एवं बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगेगा।