Dec 09 2023 / 8:52 PM

शरद पवार ने किया बड़ा खुलासा, कहा- अजित-फडणवीस की बातचीत के बारे में पता था

नई दिल्ली। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र में सरकार गठन के घटनाक्रम से जुड़ा एक और खुलासा किया। उन्होंने मंगलवार को कहा कि फडणवीस और अजित पवार के बीच चल रही बातचीत को उन्हें पता था। इसलिए उन्होंने अजित पवार के 23 नवंबर को भाजपा में शामिल होने के राजनीतिक कदम से खुद को दूर कर लिया था। इससे पहले सोमवार को शरद ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन यह उन्होंने ठुकरा दिया था।

फडणवीस और अजित पवार ने 23 नवंबर की सुबह मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, हालांकि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने अपने गठबंधन को लगभग अंतिम रूप दे दिया था और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया था। हालांकि, अजित ने 26 नवंबर को इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद फडणवीस को भी इस्तीफा देना पड़ा और सरकार केवल 80 घंटों में खत्म हो गई।

वहीं अजित पवार को मंत्रिमंडल में शामिल करने के सवाल पर शरद पवार ने कहा कि, राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के समापन के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार में अजित पवार को शामिल करने के लिए राकांपा फैसला करेगी।

मंगलवार को एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान पवार ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन की तुलना में शिवसेना के साथ गठबंधन कठिन नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके भतीजे अजित पवार ने पार्टी के साथ बगावत की थी क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ जिस तरह से बातचीत चल रही थी उससे वह पूरी तरह नाराज थे। कांग्रेस-राकांपा और शिवसेना के बीच सामंजस्य बैठाने वाले पवार ने कहा कि विचारधारा के स्तर पर अलग होने के बावजूद गठबंधन के बीच पूरी समझदारी है। उन्होंने विश्वास जताया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी बातचीत के बारे में शरद पवार ने एक निजी टीवी चैनल से मंगलवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा था कि उनकी पार्टी के लिए भाजपा के साथ काम करना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा, हमारे लिए भाजपा की तुलना में शिवसेना के साथ काम करना कठिन नहीं है। हम वह रास्ता नहीं पकड़ सकते थे।

इससे पहले पवार ने सोमवार को एक टीवी चैनल को दिए गए साक्षात्कार में यह दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अजित पवार के हाथ मिलाने के बारे में पूछने पर शरद पवार ने कहा, वह हमारे बीच चर्चा के बीच से ही लौट गए थे और कांग्रेस और हमारे बीच बातचीत से वह बहुत खुश नहीं थे। वह पूरी तरह नाखुश थे। उस स्थिति में उन्होंने ऐसा निर्णय किया था।

गौरतलब है कि देवेन्द्र फडणवीस ने 23 नवम्बर की सुबह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने थे। पवार ने कहा, उन्हें महसूस हुआ कि यह सही निर्णय नहीं है और इसलिए अगली सुबह वह आए, मुझसे बात की और इन सबसे अलग हो गए। उन्होंने कहा कि राकांपा में उनके भतीजे की अच्छी पकड़ है, लेकिन यह बताने से इंकार कर दिया कि महाराष्ट्र की नई सरकार में उनके भतीजे को उपमुख्यमंत्री का पद मिलेगा अथवा नहीं।

Chhattisgarh